पृथककरण का सिद्धांत (Doctrine of Severability)-

All Is One
0

 पृथककरण का सिद्धांत 

इस सिद्धांत का अर्थ  है पृथककरण सिद्धांत अनुच्छेद 13 से सबंधित है। जब किसी अधिनियम का कोई भाग असंवैधानिक होता है तब प्रश्न  यह उठता है कि क्या उस पूरे अधिनियम को ही शुन्य  घोषित दिया जाए या केवल उसक अवैध भाग को ही  शुन्य घोषित किया जाए जो सविंधान के  उपबंधो से असंगत है ऐसे मामलो ले निपटने के लिए उच्चतम न्यायलय  ने पृथक्करण सिद्धांत का प्रतिपादन इस सिद्धांत के अनुसार यदि किसी अधिनियम का कोई अवैध भाग उसके शेष भाग से बिना विधानमंडल के आसय  या अधिनियम के मूल उद्देश्यों को समाप्त किए बिना अलग किया जा सकता है तो केवल मूल अधिकारों से असंगत वाला भाग ही अवैध  घोषित किया जाएगा पूरे अधिनियम को नहीं |


Cases




Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)

 


 


To Top