What is Abetment( दुष्प्रेरण ) // IPC-1860 // Law of crime //

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 दुष्प्रेरण ( Abetment) से आप क्या समझते है?

                           Credit:- YG law 


Ans: भारतीय दण्ड संहिता में यह व्यवस्था है यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को अपराध के लिए उकसाता है अथवा कोई सलाह देता है, जिस उकसावे या सलाह देने के कारण वह अन्य व्यक्ति वह अपराध, जिसके लिये उसे उकसाया, अथवा उस अपराध से भिन्न कोई अपराध करता है तो ऐसे उकसावे अथवा सलाह को दुष्प्रेरण कहते हैं।


भारतीय दण्ड संहिता का अध्याय V उन लोगों से सम्बंधित है जो दूसरों को अपराध करने के लिए उकसाते है और उनकी मदद करते है। धाराओं 107 से 120 तक में दुष्प्रेरण, दुष्प्रेरक, दुष्प्रेरण के अपराध के लिये दण्ड इत्यादि की व्यवस्था की गई है।


दुष्प्रेरण का गठन - भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत निम्नलिखित रीति से दुष्प्रेरण गठित होता है-


1. किसी व्यक्ति को कोई अपराध कारित करने के लिये उकसाने द्वारा।


2. एक अपराध कारित करने के लिये किसी षड्यन्त्र में सम्मिलित होने द्वारा,


3. एक अपराध कारित करने के लिये जानबूझकर किसी व्यक्ति की सहायता द्वारा


दुष्प्रेरण तभी एक अपराध होता है जब दुष्प्रेरित कार्य स्वतः एक अपराध हो तथा भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत या


तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अंतर्गत दंडनीय हो ।


उदाहरण - राकेश, सोहन को प्रोत्साहित करता है कि वह मनोज की हत्या कर दे। दिनेश मारो मारो कहकर सोहन को प्रोत्साहित करता है। तथा अमन उसे लाठी उठाकर देता है। सोहन इस प्रोत्साहन के प्रभाव में आकर मनोज को मार डालता है। सुरेश यह जानते हुए कि सोहन ने मनोज की हत्या की है उसे शरण देता है ताकि वह पकड़ा ना जाए।


इस उदाहरण में सोहन वह व्यक्ति है जो अपराध कारित करता है इसलिए वह प्रथम कोटि का अपराधी है। अमन उसे लाठी पकड़ता है अतः व द्वितीय कोटि का अपराधी है। राकेश और दिनेश तथ्य पूर्व के अपराधी हैं क्योंकि वे सोहन को मनोज की हत्या के लिए प्रोत्साहित करते हैं। सुरेश तथ्य पश्चात का अपराधी है क्योंकि वह दंड से बचने में सोहन की सहायता करता है।


उदाहरण - 'अ' एक लोक-अधिकारी है जो न्यायालय से वारण्ट द्वारा 'स' को पकड़ने के लिये अधिकृत है। 'ब' यह बात अच्छी तरह से जानते हुए कि 'ख', "स' नहीं है, 'ख' को गिरफ्तार करवा देता है। यहाँ 'ब', 'ख' को गलत पकड़वाये जाने के लिये दुष्प्रेरणा देने का दोषी है।


21. दुष्प्रेरक (Abettor) कौन है ?


Ans: जो व्यक्ति किसी अपराध को करने के लिए उकसाता है दुष्प्रेरक कहा जाता है एवं जो व्यक्ति किसी के बहकावे में आकर कोई अपराध कर देता है, उसे दुष्प्रेरित व्यक्ति कहते है। यह उल्लेखनीय है कि उकसाने वाला व्यक्ति भी वही सजा तथा जुर्माने से दण्डित होता है जिस अपराध को करने के लिए उसने किसी व्यक्ति को दुष्प्रेरित किया है।


भारतीय दण्ड संहिता की धारा 108 में दुष्प्रेरक की परिभाषा दी गई है। दुष्प्रेरक से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है -


1. जो किसी अपराध के किये जाने का दुष्प्रेरण करता है, या

2. जो ऐसे कार्य के किये जाने का दुष्प्रेरण करता है, जो अपराध होता यदि वह कार्य किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता जो शारीरिक अथवा मानसिक असमर्थता से युक्त न हो।


उदाहरण- 'अ', 'ब' और 'स' मिलकर 'क' को विष देने की योजना बनाते हैं और इस सम्बन्ध में परस्पर यह तय करते हैं कि 'अ विष खरीद लायेगा और 'ब', 'स' के हवाले विष को करेगा। 'स' उस विष को 'क' को देता है जिससे उसकी मृत्यु हो जाती है। इस मामले में 'अ', 'ब' और 'स' तीनों ही 'क' की हत्या की दुष्प्रेरणा के दोषी हैं।


धारा 108 क के अनुसार एक भारतीय नागरिक जो भारत के बाहर किसी विदेशी क्षेत्र में किसी ऐसे कार्य के किये जाने का दुष्प्रेरण करता है, जो यदि भारत में किया जाये तो अपराध होगा, वह दुष्प्रेरण के अपराध के लिए दण्डित किया जायेगा।

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